दोस्तों ! आज के इस post में हम आपको बताएँगे की एनालाग और डिजिटल सिस्टम (system) या प्रणाली के बिच क्या अंतर है ? आज के इस पोस्ट में इसी के बारे में विस्तार से जानकारी दिया गया है . यदि आपको एनालोग और डिजिटल सिस्टम / या प्रणाली का पूरा जानकारी हासिल / प्राप्त करना चाहते है तो हमारे इस post को अंत तक पूरा जरुर पढिये वरना आप इस अमूल्य जानकारी को मिस कर सकते है . 

एनालग और डिजिटल सिस्टम (system ) / या प्रणाली से related question ( प्रशन्न) लगभग सभी प्रकार के compition exams (प्रतियोगी परीक्षाओ ) में पूछे जाते है इसलिये आपको इस post को जरुर पढ़ना चाहिए . ताकि जब भी आपको एनालाग और डिजिटल सिस्टम / प्रणाली सुने या पढ़े आपको इसके बारे में पता हो , जिससे आप कंफ्यूज (confuse ) ना हो .  तो चलिये दोस्तों ! आगे बढ़ते है और जानते है की ये .. एनालाग और डिजिटल सिस्टम ( anolog and Digital system / signal ) या सिंगनल क्या होता है . और इसका उपयोग कहाँ किया जाता है ? इसके लाभ क्या होता है ? इसका उपयोग क्यों किया जाता है ?  आइये इन सभी question के उत्तरों के ब्रेम में विस्तार से जानते / पढ़ते है .. 

इस पोस्ट ( post ) में आप जानेगे की - 

  • 1 . एनालॉग और डिजिटल सिग्नल क्या होता है ? परिभाषा . ( What is anolog and Digital signle ?) 
  • 2. एनालॉग और डिजिटलों के बिच क्या अंतर या तुलना होता है ? (Diffrence between anolog and Digital Signls ?)
  • 3. एनालॉग और डिजिटल सिग्नलों का उदाहरण . ( examples of anolog and Digital Signals .)

Full Details and Difference about analog and digital system with it's adwantages and Disadwantages in hindi me

anolog और डिजिटल सिग्नलों के विभिन्न रूप है . सिंग्नालों का उपयोग विभिन्न डिवाइस में एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस में जानकारियां स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है. ये जानकारियां मुख्यतः anolog या डिजिटल सिग्नल के रूप में होते है . जिसमे एनालॉग सिग्नल लगातार चलने वाला सिग्नल (continuouse signal ) होता है  जबकि डिजिटल सिग्नल ( Digital Signal ) की एक range ( 0 और 1 के बिच ) होती है . 

एनालॉग और डिजिटल सिस्टम ( Analog और Digital system ) : 

1 . एनालॉग सिस्टम ( Analog system ) : 

एनालॉग सिस्टम या सिग्नल वह इलेक्ट्रिकल सिग्नल है जो समय के साथ नियमित बदलते रहता है . यह परिवर्तन non electric सिग्नल का को follow करता है . साइन wave ( Sin wave ) एनालॉग सिग्नल का एक उदाहरन है . इसी सिग्नल का इक और उदाहरण के रूप में हम मोबाइल फ़ोन में होने वाले बातचीत में आवाज को उदाह्ररण के  रूप में देख सकते है . इसी सिग्नल के और भी कुछ उदहारण है जैसे की मानव का आवाज , म्यूजिक , विडियो आदि .   

2 , डिजिटल सिस्टम ( Digital system ) :

डिजिटल सिग्नल ( Digital Signal ) irregular या अनियमित होते है . जो की विभिन्न स्टेप्स में बदलते रहते है या change होते रहते है . जो की विभिन्न लेवल के साथ याह pluse या Digit रखता है . जिसका मान (Value ) स्थिर होता है . But ( परन्तु ) एक digit से दूसरी digit (अंक ) में suddenly या अचानक change (बदलाव ) होती है . डिजिटल सिग्नल के दो amplitude होते है जो की नोड (node ) कहलाते है जिसका दो संभव value ( 0 या 1 , सत्य या असत्य , उच्च या निम्न ) होता है . डिजिटल सिग्नल (Digital Signal ) के मानों (value ) की संख्या सिमित होती है . 

डिजिटल सिग्नलों के सम्बन्ध में प्रायः दो सब्दों का प्रयोग किया जाता है बिट रेट (Bit Rate ) और बिट अन्तराल ( Bit interval ) किसी एक बिट (bit ) को भेजने में लगने वाले समय या टाइम को बिट अंतराल के रूप म जाना जाता है . इसी प्रकार 1 सेकण्ड में भेजी जाने वाली बीटों की संख्या को बिट रेट ( bit rate ) कहा जाता है . 
उदाहरण के लिए , मानलों की हम १ सेकंड में 8 बिट की डाटा को संप्रेषित करते है तो यहाँ पर जो बिट अंतराल ( bit interval ) 1 /8 होगा अर्थात (0.125 ) सेकंड होगा . तथा बिट रेट 8 बिट प्रति सेकंड होगा . 

एनालाग और डिजिटल सिस्टम क्या है ? इनके बिच अंतरों की जानकारी ( what is analog and digital System /signal? diffence between anolog and digital system /singal in hindi)   #gkpadhoindia

एनालाग और डिजिटल सिस्टम (system) या प्रणाली / निकाय के बिच अंतर : 

SN

Parameter

Digital System

Anolog System

1.  Signal ( सिग्नल ) वे सिग्नल जो वोल्टेज या धारा ( voltage या current ) के केवल दो हि डिस्किट मान होते है , डिजिटल सिग्नल (Digital Signal ) कहलाता है .  एनालॉग सिग्नल सिस्टम लगातार अपने मान में परिवर्तन करता रहता है . ये हमेशा परिवर्तनीय (परिवर्तन होने वाले ) सिग्नल होते है . 
2 समय के साथ मान मान में परिवर्तन  डिजिटल सिस्टम (Digital system ) में सिग्नल केवल दो हि मान (Value ) उच्च या निम्न हो सकते है . ये दो मान ( उच्च - 1 , या निम्न - 0 ) हो सकते है .  एनालाग सिग्नल का मान (VAlue ) समय के साथ परिवर्तित होता रहता है . ये स्थिर नहीं होता है . 
3 सिस्टम का प्रकार  वह इलेक्ट्रोनिक ( electronic ) system जो डिजिटल सिग्नल ( Digital signle ) के साथ कार्य करता है डिजिटल सिस्टम ( Digital Systm ) कहलाता है .  एनालाग सिस्टम एक एसा इलेक्ट्रॉनिक ( Electronic system ) है जो की एनालाग सिग्नल ( Anolog signle ) के साथ कार्य करता है . 
4 विश्वसनीयता (Reliability ) डिजिटल system ( Digital Systm ) अधिक विश्वशनीय होता है . एनोलाग system ( एनालॉग सिस्टम ) कम विश्वशनीय होता है . 
5 जटिलता ( Complexity )  डिजिटल सिस्टम (Digital System ) कम जटिल होते है .  एनालॉग सिस्टम ( एनालॉग system ) अधिक जटिल होता है . 
6 शोर ( NoiCe) डिजिटल सिस्टम ( Digital system ) शोर या नोइस द्वारा कम प्रभावित होता है .  एनालाग सिस्टम (analog system ) system डिजिटल सिस्टम ( Digital system ) की अपेक्षा शोर या नोइस द्वारा अधिक प्रभावित होते है . 
7 यथार्थता (Accuracy ) डिजिटल सिस्टम (Digital system ) ये अधिक यथार्थ होते है .  एनालाग सिस्टम ( Analog system ) कम यथार्थ होते है . 
8 परिशुद्धता ( Precision )  डिजिटल परिपथ ( Digital Circuit ) के द्वारा कई संख्याओ तक शुद्ध मान ज्ञात किया जा सकता है .  एनालॉग सिस्टम ( anolog system ) में संख्याओ की परिशुद्धता दो या तीन संख्याओ तक हो सकती है . ये अधिक जाटिल होते है . जिससे voltage या धारा का मान परिपथ में लगे घटकों पर निर्भर करता है . 
9 उदाहरण ( Example )  डिजिटल सिस्टम ( Digital system ) का उदाहरण निम्नलिखित है - 
कंप्यूटर , कैलकुलेटर , कंप्यूटर में ट्रांसमिसन के लिए उपयोग किये जाने वाले सिग्नल 
एनालाग सिस्टम (anolog system ) का उदहारण ( example ) निम्न  लिखित है - 
एनालॉग कंप्यूटर , CRO (सीआओ ), मानव आवाज 
10 तरंग wave का प्रकार डिजिटल सिग्नल (Digital Signal ) एक असतत लहर ( wave ) है जो की बाइनरी ( 0 और 1 ) के रूप में जानकारी लेता है .  एनालॉग तरंग एक निरंतर ( Continuouse ) तरंग (wave )  है जो समय के साथ बदलता है .
11 प्रतिनिधित्व  डिजिटल सिग्नलों (Digital Signle ) को स्क्वायर तरंगो द्वारा दर्शाया जाता है . एनालॉग सिग्नल (anolog Signle )को साइन wave (Sign wave ) द्वारा दिखाया जाता है . 
12 विवरण (Details ) किसी डिजिटल सिग्नल को बिट दर और बिट अंतराल द्वारा प्रदर्शित किया जाता है या दर्शाया जाता है .  एनालॉग सिग्नल ( anolog signle ) को आयाम , अवधी , आवृत्ति या चरणों द्वारा वर्णित किया जाता है . 
13 range ( सीमा )  डिजिटल सिग्नल की एक निश्चित प्रिशिमा होती है जो की 0 और १ के बिच होती है . anolog सिग्नल की कोई निश्चित परिसीमा नहीं होती है. 
14  Integration Method   Numerical  Continuouse 
15 एक्सेस टाइम (access Time ) सिर्फ कुछ सेकंड  लगभग 1 सेकंड 
16 Speed (गति ) डिजिटल सिग्नल की गति उच्च होती है . तेज     anolog सिग्नल की गति डिजिटल सिग्नल की अपेक्षा धीमा (Slow ) होता है . 
17 data Transmission  उच्च Quality का डाटा transmission perform करता हैं उच्च quality का डाटा trassmission प्रदान नही करता है . 
18













































































 एनालाग और डिजिटल सिग्नल के लाभ और हानियाँ  (Adwantages and Disadwantages of Anolog And Digital Signals ) :

एनालॉग सिग्नल के लाभ ( Advantages of analog Signal) in Hindi :

1 . No Permanent Limite : एनालॉग सिग्नल की कोई निश्चित सीमा नहीं होती है . 
2. एनालॉग सिग्नल एक तरंग या wave के रूप में डाटा को स्थान्तरण करता रहता है . 
3 . एनालाग सिग्नल के द्वारा हि सम्पूर्ण मोबाइल नेटवर्क एक दुसरे से जुड़े ( कनेक्टेड ) है . 
4. विभिन्न प्रकार के सूचनाओ को anolog सिग्नल के द्वारा हि Electromagnatic तरंगों के माध्यम से एक स्थान से दुसरे स्थान तक या पूरी धरती में कही भी अथवा धरती से बाहर सेटेलाईट (Saitelight ) तक पहचाना संभव हुआ है . 
5 . ऑडियो ट्रांस्मिसन (Audio ट्रांसमिशन ) के लिए anolog system best सबसे बेहतर है . 

एनालॉग सिग्नल के हानिया ( DisAdvantages of analog Signal) in Hindi :

एनालाग सिग्नल ( analog signal ) की मुख्या कमी यह है की इसमें hight quality ट्रांसमिशन नही हो पाता है तथा गलतियों या त्रुटी (error ) की संभावना अधिक होती है . 

डिजिटल सिग्नल के लाभ (Adwantages of DiGital Signal ) : 

१. Switching सर्किट्स प्रयोग किये जाने के कारण डिजिटल सिस्टम को Disign करना या निर्माण करना आसान होता है . जिसमे सिग्नल की range महत्वपूर्ण होती है न की सिग्नल का वास्तविक मान .
2. Imformation या डाटा को डिजिटल फॉर्मेट के रूप में स्टोर (Store ) करना आसान होता है 
3. डिजिटल सिस्टम में शोर का प्रभाव कम होता है . 
4 . डिजिटल सिस्टम के operation को कंप्यूटर के माध्यम से तैयार किया जा सकता है . 
5. डिजिटल सर्किट (Digital Circuit ) को आई सी /IC ( Intigrated Circuit ) पर बनाया जा सकता है . 
6 . डिजिटल सिस्टम की accurasy या परिशुद्धता अधिक होती है . परिशुद्धता को बढाने के लिए Switching Circuit की संख्या को बढा दिया जाता है .
7 . सिग्नल के error या त्रुटी का ditection और Correction  करना संभव है इसके लिए सिग्नल का डिजिटल कम्युनिकेशन (communication) किया जाता है . 
8. डिजिटल सिग्नल (Digital Signal ) का डिजिटल कम्युनिकेशन अधिक सिक्योर (Secure ) होता है . 
9. डिजिटल परिपथ ( Digital Circuit _) अधिक Reliable (विश्वशनीय ) हो गये है . 

डिजिटल सिग्नल के हानियाँ (Disadvantages of Digital Signal) in Hindi :

डिजिटल सिग्नल / सिस्टम का महत्वपूर्ण दोष यह है की संसार की अधिकांश राशियाँ एनालॉग (analog ) होती है . जिसको डिजिटल (Digital ) में convert करना या बदलना आवश्यक होता है तभी इसकी डिजिटल प्रोसेसिंग ( Digital processing ) संभव है . 

दोस्तों ! इस post को पढ़ने के बाद आपको समझ में आ गया होगा की-

 " 1.  analog and Digital signal क्या होता है ? परिभाषा  (what is analog and Digital signal in hindi ? )
2.  anolog और डिजिटल सिग्नल के बिच क्या अंतर है ?  (What is Diffrence Between analog and Digital Signal in hindi ), 
3. एनालॉग और डिजिटल सिग्नल के लाभ और हानिया क्या क्या है ? ( What is Adwantages and Disadwantages of Analog and Digital Signal or System in hindi ?  )

मै हमेशा यह कोशिस करता हूँ की आपको सरल भाषा में आपके प्रश्नों के उत्तर आपको दे सकूँ . शायद आप इसे post पढ़ने के बाद समझ गये होगें . इस post में आपको एनालॉग और डिजिटल सिस्टम / सिग्नल ( Anoglo and Digital system/ signal ) के बारे में सम्पूर्ण जानकरीया दिया गया है . ताकि आपको किसी और post को पढ़ने की जरुरत ना हो . 
यदि इस post से आपको हेल्प हुई होगी तो अपने दोस्तों . के साथ इस post को share जरुर कर सकते है . 

इन्हें भी जरुर पढ़िए - 


✅ प्रिय दोस्तों! इस वेबसाइट में प्रसारित की जाने वाले पोस्टों और सूचनाओं को जितना हो सके उतना "SHARE" करें , ताकि ये सूचनाएं कीसी जरुरतमंद के काम आ जाए . धन्यवाद !🙏
YOUTUBE : WHATSAPP GROUPS : TELIGRAM CHANNEL
ग्रुप 1 | ग्रुप 2 | ग्रुप 3 | ग्रुप 4 | ग्रुप 5 | ग्रुप 6 टेलीग्राम चैनल

AUTHOR : MR. SURAJ SINGH JOSHI

Hey, मैं Suraj Singh Joshi " #GKPADHOINDIA " का Educational Author (Founder) हूँ. जहाँ तक मेरे Education का सवाल है, मैं Diploma holder (in electrical engineering), ITI (COPA) और Maths Honours से graduate, हूँ, मुझे शिक्षा से सम्बंधित नॉलेज प्राप्त करना और #GKPADHOINDIA के माध्यम से Educational knowledge अपने प्रियजनों तक पहुँचाना मेरी प्राथमिक रूचि है। इस वेबसाइट को बनाने का उद्देश्य मेरा यह है की मै अपनी वेबसाइट के माध्यम से इन्टरनेट की दुनिया में जरुरतमंदो का कुछ HELP कर पाऊं या उन्हें संतुस्ट कर पाऊं ।कृपया इस वेबसाइट में प्रसारित की जाने वाले पोस्टों और सूचनाओं को जितना हो सके share करें , ताकि ये जानकारियां या सूचनाएं कीसी जरुरतमंद के काम आ जाए ।
This is our Educational website where can be found Education knowledge like information, Online study, technical guide, tips and tricks, earning and advice, Course selection tips, Career Guidance, General Knowledge, and Inspirational Thoughts, etc.


Let’s Get Connected: Youtube | Facebook | Twitter | Instagram | Linkedin | Pinterest