राजा राम मोहन राय से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी .. हिंदी में .

१. राजा राम मोहन राय कौन थे ?

=> राजा राम मोहन राय आधुनिक भारतीय समाज के जन्म दाता थे . उन्होंने अपनी विलक्षण प्रतिभा द्वारा भारतीय समाज में व्याप्त कुरीतियों का दमन और ब्रह्म समाज का स्थापना किया . राजा राममोहन राय सिर्फ सती प्रथा का अंत कराने वाले महान समाज सुधारक ही नहीं, बल्कि एक महान दार्शनिक और विद्वान भी थे. उन्होंने बाल विवाह , बहुर्विवाह , रुढ़िवादी विचारधारा और परम्पराओं का खंडन किया .  इन्ही कारणों से उनका गिनती भारतीय महापुरुषों में होता है . 


2. राजा राममोहन राय का संक्षिप्त जीवन परिचय बताइए ?

=> राजा राम मोहन राय का जन्म दिन (Birth Date )22 मई 1772 को हुआ था को  जन्म स्थान (Birth Place) बंगाल के हूगली (वर्तमान मुर्शिदाबाद ) जिले के में राधानगर गाँव में हुआ था . उनके पिता (Father) का नाम रामकंतो रॉय था , और उनके माता (Mother ) का नाम - तैरिनी थी. राम मोहन का परिवार वैष्णव था, जो कि धर्म सम्बन्धित मामलो में बहुत कट्टर था.

जैसा कि उस समय बाल विवाह का प्रचलन था, जिसके करना उनका शादी 9 वर्ष की उम्र में ही करवा दिया गया था . लेकिन उनकी प्रथम पत्नी का जल्द ही देहांत हो गया. इसके बाद 10 वर्ष की उम्र में पुनः उनका दुसरा विवाह करवाया गया जिसके उपरांत उनको 2 पुत्र प्राप्त हुए लेकिन 1826 में उनकी उस पत्नी का भी देहांत हो गया जिसके बाद उनको पुनः तीसरी शादी करना पड़ा . बड़े परन्तु बड़े दुर्भाग्य की बात है की तीसरी पत्नी भी ज्यादा समय जीवित नहीं रह सकी . इस प्रकार उनको अपनी पत्नियों को खोना पड़ा था . 

३. राजा राम मोहन राय का  पेशा (Occupation) क्या था ?

=> राजा राम मोहन राय ईस्ट इंडिया कम्पनी में कार्य,जमीदारी और सामाजिक क्रान्ति के प्रणेता थे . 


4. राजा राम मोहन राय समाज में किस कारन से प्रसिद्द थे ?

=> राजा राम मोहन राय का समाज में प्रसिद्धि (Famous for) सती प्रथा,बाल विवाह,बहु विवाह का विरोध के कारन प्राप्त हुआ था . 


5. राजा राम मोहन राय ने कौन कौन से पत्र पत्रिकाएँ प्रकाशित किया . ?

=> राजा रामोहन राय ने पत्रिकाएं (Magazines)- ब्रह्मोनिकल पत्रिका, संबाद कौमुडियान्द मिरत-उल-अकबर आदि को प्रकाशित किया . 


6 . राजा राम मोहन राय की उपलब्धि (Achievements) क्या था . ?

=> राजा राम मोहन के प्रयासों से 1829 में सती प्रथा पर क़ानूनी रोक लग गई . 


7. राजा राम मोहन राय का विवाद किनसे था . ?

=> राजा राम मोहन राय जी का विवाद विवाद (Controversy) हमेशा से हिन्दू धर्ममें अंध विशवास और  कुरीतियों से था . 


8. राजा राम मोहन राय के मृत्यु कब और किस कारन से हुआ था ?

=> राजा राम मोहन राय जी का मृत्यु (Death) 27 सितम्बर 1833 को ब्रिस्टल (इंग्लेंड ) के पास स्टाप्लेटोन में हुआ था . उनके मृत्यु का कारण (Cause of death) मेनिन्जाईटिस था . 

9 . राजा राम मोहन राय को क्या क्या सम्मान प्राप्त थे ? 

=> राजा राम मोहन राय को निम्न लिखित सम्मान प्राप्त थे - 

   i . राजा ( Raaja ) सम्मान (Awards)     -   मुगल महाराजा  ने उन्हें राजा की उपाधि प्राप्त था . 

   ii.  उनके वेदों और उपनिषद के संस्कृत से हिंदी, इंग्लिश और बंगाली भाषा में अनुवाद के लिए फ्रेंच Société Asiatique ने उन्हें 1824 में सम्मानित भी किया. 

10. राजा राम मोहन राय ने किस समाज की स्थापना किया और क्यों किया ?

=> राजा राम मोहन राय ने 1828 में ब्रह्म समाज नामक समाज की स्थापना की. चूँकि राजा राम मोहन राय जी सामाज में व्याप्त कुरूतियों और रुढ़िवादी विचारधारा ,  सती प्रथामूर्तिपूजा आदि से हमेशा विरोध रहा है . प्रेस किया आजादी को लेकर उन्होंने जागरूकता भी पैदा किया साथ ही इन्ही विरोधों के चलते उन्होंने  1828 में ब्रह्म समाज’  नामक समाज की स्थापना किया . 

11 . राजा राम मोहन राय बचपन में क्या बनना चाहते थे  ? 

=> राजा राम मोहन राय बचपन में साधू , सन्यासी बनना चाहते थे . लेकिन माता के प्रेम ने उन्हें साधू सन्यासी बनने नहीं दिया. 

12. राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा का अंत या समापन कैसे किया ?

=> राजा राम मोहन राय जी का सती प्रथा से संघर्ष बचपन से ही था .  बचपन में राजा राम मोहन के  जी के किसी बड़े भाई के स्वर्गवास् हो गया था .  जिसके बाद देश में व्याप्त सती प्रथा के करन उनकी भाभी जी को लोगो और परिवार वालों के द्वारा सती होने के लिए  विवश किया जा रहा था, जिसको देखकर उनका करुण आत्मा रो उठा और वे विचलित हो गया , उन्होंने अपने बचपन में ही इसका विरोध किया . परन्तु उनके इस प्रयाश को प्रारंभ में समाज द्वारा नही स्वीकारा गया . और वे समाज से बहिस्कृत हो गए . समाज के इस विरोध के कारण ही उनके माता पिता ने उन्हें घर से बाहर निकल देने में ही अपना भलाई समझा . 

जिसके बाद राजा राम मोहन राय तिब्बत चले गये . जहाँ उन्होंने पाया की यह समपूर्ण मानव समाज सामाजिक रुढ़िवादी , परम्पराओं और अन्धविश्वाश की चपेट और जकड में है . जिसने उनके ह्रदय को जक्झोर कर दिया . इसका उन्होंने वहां तिब्बत में जमकर विरोध किया . इसके बाद वे तिब्बत को छोड़कर पूनः बंगाल लौट आए. 

वे समाज में व्याप्त कुरीतियों और रुढ़िवादी विचार धारा परम्पराओं , सती प्रथा से उनका संघर्ष चलता रहा . अंततः उन्होंने लार्ड विलियम बैटिक से मिलने का निश्चय किया . और उनसे ही मिलकर उन्होंने सती प्रथा को समाप्त करने का नवीन क़ानून पास करवाया या बनवाया और इस शाशानादेश को समाज में लागू करवाया . तब जाकर के उनका सती प्रथा को ख़तम करने का संकल्प पूरा हुआ . उनके इस संकल्प के पूरा होने के उपरांत महिलाओं के कारुणिक परिस्थितियों पर लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ जिसका श्रेय पूर्ण रूप से राजा राम मोहन राय जी को जाता है . जिसके बाद लोगो में समाज सुधारक के रूप में मशहूर हो गए .  लोग उन्हें समाज सुधारक के रूप में जानने लगे थे . 

13 . राजा राम मोहन राय ने समाज में महिला शिक्षा का विकाश कैसे किया ? 

 => राजा राम मोहन राय समाज में महिलाओं की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहे है . सती प्रथा को समाप्त करवाकर उन्होंने बे मौत मरने वालीं महिलाओं को बचा लिया साथ ही उन्होंने समाज में महिलाओं को शिक्षित करने का कार्य भी किया .  वे जानते थे की समाज को को सुधारने का प्रयाश तब तक पूर्ण नहीं हो सकता जब तक महिलाएं शिक्षित नही हो जाती  . महिलाओं को शिक्षित करके ही समाज का सुधार किया जा सकता है और समाजिक कुरीतियों और रुढ़िवादी परम्पराओं और विचार धाराओं को समाज से दूर भागाया जा सकता है . 

इसके लिए उन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने हेतु सरकार से मिलकर महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा व्यवस्था हेतु  विद्यालय स्थापित कराए. इसके बाद उन्होंने  केशवचंद्र सेन, ईश्वरचंद्र विद्यासागर के साथ ऐंग्लो वैदिक स्कूलों एवं महाविद्यालयों की स्थापना कराई. 

14. राजा राम मोहन राय के गुरु जी का कौन थे या उनका क्या नाम था . ?

=> राजा राम मोहन राय जी के गुरूजी का नाम - गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर था . वे रबींद्रनाथ टैगोर को ही अपना गुरु मानते थे।

15. ब्रह्म समाज की स्थापना कब और कैसे , किसके द्वारा हुआ ?

=> राजा राम मोहन राय जी के द्वारा 1814 में आत्मीय सभा को शुरू किया था जिसका उद्देश्य " इश्वर एक है " का प्रचार करना था जो की आगे चलकर ही ब्रम्ह समाज के रूप में समाज स्थापना हुआ . इस ब्रम्ह समाज की स्थापना सन अट्ठारह सौ अट्ठाईस ( 1828 ) इसवी को राजा राम मोहन राय जी के द्वारा किया गया .


16. राजा राम मोहन राय जी का शिक्षा दीक्षा किस प्रकार सम्पन हुआ था . ?

  => राजा राम मोहन राय जी को बंगला , पर्शिक , अरबी और संस्कृत जैसे बहुमूल्य भाषाओँ का ज्ञान था जो की उन्होंने 15 वर्ष की आयु में ही इन भाषाओँ का ज्ञान प्राप्त कर लिया था . उनकी प्राम्भिक शिक्षा गाँव के स्कूल में ही संस्कृत और बंगाली भाषा में हुआ . उसके बाद वे पटना के मदरसे में अरेबिक और पर्शियन भाषा सिखा साथ ही 22 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंग्रेजी भाषा भी सिख लिया था .


17. राजा राम मोहन राय किन किन धर्म ग्रंथों के ज्ञाता थे . ?

=> राजा राम मोहन राय हिन्दू धर्म के  वेद , उपनिषद , के ज्ञाता तो थे ही साथ ही साथ वे इस्लाम धर्मं के बाइबिल के साथ साथ कुरान और अन्य इस्लामिक धर्म ग्रंथो के भी अछे ज्ञाता थे . 


18 ) राजा राममोहन राय का करियर .?

पिता की मृत्यु के बाद कलकता मे ही वो जमीदारी का काम देखने लगे, 1805 में ईस्ट इंडिया कंपनी के एक निम्न पदाधिकारी जॉन दिग्बॉय ने उन्हें पश्चिमी सभ्यता और साहित्य से परिचय करवाया. अगले 10 साल तक उन्होंने दिग्बाय के असिस्टेंट के रूप में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी में काम किया, जबकि 1809 से लेकर 1814 तक उन्होंने ईस्ट इंडिया कम्पनी के रीवेन्यु डिपार्टमेंट में काम किया.

19 ) राजा राम मोहन राय द्वारा लिखित पुस्तक कौन कौन से है ? 

=> राजा राम मोहन राय द्वारा लिखित प्रमुख पुस्तक निम्न लिखित है  - 
          i. 1820  - एथिकल टीचिंग आफ क्राइस्ट पुस्तक : ये चार गोस्पेल का एक अंश था . इसका टाइटल था प्रिसेप्ट्स आफ जीसस . 

         ii. 1816 में राममोहन की इशोपनिषद,
         iii.  1817 में कठोपनिषद,
         iv. 1819 में मूंडुक उपनिषद के अनुवाद आए थे. 
         v.   1820 में -  गाइड टू पीस एंड हैप्पीनेस, 
         vi .  1821 में  एक बंगाली अखबार सम्बाद कुमुदी में लिखा
         vii.  1822 में मिरत-उल-अकबर नाम के पर्शियन journal में लिखा. 
         viii. 1826 मे उन्होंने गौडिया व्याकरण,
         ix.  1828 में ब्राह्मापोसना
         x. 1829 में ब्रहामसंगीत और 
         xi. 1829 में दी युनिवर्सल रिलिजन लिखा.

नोट :  उनके वेदों और उपनिषद के संस्कृत से हिंदी, इंग्लिश और बंगाली भाषा में अनुवाद के लिए फ्रेंच Société Asiatique ने उन्हें 1824 में सम्मानित भी किया.

20. पत्रकारिता के सम्बन्ध में राजा राम मोहन राय जी के क्या विचार थे ? 

=> उस समय कुछ भी पब्लिश करवाने से पहले अंग्रेजी हुकुमत से आज्ञा लेना पड़ता था जिसका विरोध राजा राम मोहन राय जी ने किया था . उनका मानना था कि न्यूज़ पेपर में सच्चाई को दिखाना चाहिए, और यदि सरकार इसे पसंद नहीं कर रही तो इसका ये मतलब नहीं बनता कि वो किसी भी मुद्दे को दबा दे.

 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर रहे राजा राममोहन रॉय ने कई पत्रिकाएं पब्लिश भी करवाई थी.

21. राजा राम मोहन राय को किन किन नामों से जाना जाता है ? 
=> राजा राम मोहन राय को विभिन्न नामों से जाना जाता है जो की निम्न लिखित है  - 
     १.  राजा - जो की सम्राट अकबर द्वितीय के द्वारा राजा राम मोहन राय को प्राप्त हुआ था . 
     2. आधुनिक भारत का जन्मदाता 
     3. नव भारत का पैगम्बर 
     4. भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक 
     5. जन जागरण और सामाजिक सुधार आन्दोलन के प्रणेता 
     6.  बंगाल में नव जागरण युग के पितामह 

आदि विभिन्न नामों के द्वारा आदरणीय राजा राम मोहन राय जी को जाना जाता है . 


इस पोस्ट में आपने जाना : 

राजा राम मोहन राय से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी  ( Raja Ram Mohan Ray Se Related Prashnottari / Question - Answers Hindi me ) #gkpadhoindia

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AUTHOR : MR. SURAJ SINGH JOSHI

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