Computer fundamental study (या कंप्यूटर की कुछ आधारभूत जानकारियां ) :

Fundamentals of computer, computer kaya hai ?  computer ke vibhinn bhagon ki puri janakri hindi me #gkpadhoindia

१. कंप्यूटर क्या है ? What is Computer ? 

Computer is an electronic device ( machine) that can store and deal with large amounts of information's. 

Computer एक स्वचालित तथा निर्देशों के अनुसार कार्य करने वाला इलेक्ट्रॉनिक Divice है जिसमे डाटा को Recive, store, अथवा display करने की क्षमता होती है . 

कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा की "compute " शब्द से हुई है जिसका अर्थ " गणना करना " होता है . अतः कंप्यूटर क शाब्दिक अर्थ "गणना करने वाला " होता है . 

Computer is word meaning is - " commently operated machine particular used for tranning education and research. "

computer का उपयोग जटिल गणना के साथ साथ सभी क्षेत्रों में व्यापक रूप से किया जा रहा है .

PARTS OF COMPUTER SYSTEM (कम्पुटर के विभिन्न भागों का वर्णन ) : 

पार्ट्स ऑफ़ कंप्यूटर सिस्टम  : 

computer में विभिन्न प्रकार के पार्ट्स जुड़े हुए होते है या कनेक्ट रहता है . विभिन्न प्रकार के अलग अलग पार्ट्स आपस में मिलकर हि कंप्यूटर सिस्टम बनाते है . जिनका अपना अपना अलग अलग कार्य होता है .. प्रत्येक पार्ट्स या भाग को विशेस कार्य के संपादन के लिए उपयोग में लाया जाता है . 

यहाँ नीचें कंप्यूटर सिस्टम में उपयोंग होने वाले विभिन्न पार्ट्स या भाग या उपकरणों की सूचि दिया गया है . जिनका उपयोग कंप्यूटर सिस्टम को पावरफुल ( या ताकतवर ) बनाकर विशेस कार्य या टास्क को संपन्न करने के लिए किया जाता है . ये पार्ट्स या कंप्यूटर के भाग / डिवाइस निम्न लिखित है - 

कंप्यूटर के महत्वपूर्ण भाग निम्नलिखित है - 

१. माउस  ( Mouse ) : ये एक इनपुट डिवाइस होता है . 

2 . प्रिंटर  ( Printer ) : ये एक आउटपुट डिवाइस होता है . 

३. . स्पीकर ( Speaker ) : ये एक आउटपुट डिवाइस होता है . 

 ४. कीबोर्ड , (keyboard ) : यह एक इनपुट डिवाइस होता है .

५ . यूपीएस ( UPS) : यह एक सुरक्षात्मक डिवाइस ( बैटरी ) होता है . 

६. मॉनिटर  ( Monitor )  : यह एक आउटपुट डिवाइस होता है . 

7 . सीपीयू  (CPU ) : यह केन्द्रीय संसाधन इकाई होता है . जो की कंप्यूटर का मुख्य भाग होता है . 

आइये अब इनके बारे में विस्तार से जानते है . की आखीर इन सभी कंप्यूटर के भागों का कंप्यूटर सिस्टम में क्या उपयोग होता है और उनका उपयोग कंप्यूटर स्त्यस्तेम में क्यों किया जाता है ? क्या उनके उपयोग किये बिना उस टास्क को कंप्यूटर सिस्टम में किया जा सकता है आदि की सम्पूर्ण जानकारी . आपको निचे विस्तार से देखने को मिलेगा. तो चलिये आगे बढ़ते है . और इन्ही के बारे में विस्तार से जानते है  .

१. Mouse ( माउस ) :

Mouse ( माउस) एक इनपुट डिवाइस है जिसके द्वारा हम कंप्यूटर को आदेश कमांड या निर्देश दे सकते है . यह कंप्यूटर सिस्टम में हेल्पिंग डिवाइस के रूप में कार्य करता है . यह ऑब्जेक्ट को चिन्हित करने का कार्य भी आसानी से करता है . इसके या माउस के पॉइंटर को मॉनिटर स्क्रीन पर एक तीर के रूप में देखा जा सकता है . जिसे माउस की सहायता से कंट्रोल किया जा सकता है . 

माउस का उपयोग कंप्यूटर सिस्टम को इनपुट सिंग्नल देने या कमांड देने के लिए किया जाता है . 

A mouse ia a device that is connected to the computer by moving it over a flate surface and pressing its buttons you can move the curser around the screen and do things without using the keyboard. 

Types of Mouse ( माउस के प्रकार ) : - 

कंप्यूटर में प्रयोग होने वाले माउस मुख्यतः तिन प्रकार के पाए जाते है जो की निम्न लिखित है - 

१. नार्मल माउस / सामान्य माउस / Serial Mouse : - 

यह एक सामान्य प्रकार का माउस होता है जिसमे लेफ्ट और राईट बटन तो होता हि है साथ हि साथ माउस के निचे कर्सर को कंटरोल करने के लिए ट्रैकर बॉल ( Tracker Ball ) भी लगी हुई होती है . इस माउस को सीरियल माउस भी कहा जाता है . 

2. स्क्रॉल माउस / Scroll Mouse / Standerd Mouse : 

इस प्रकार के माउस में लेफ्ट और राईट बटन के साथ साथ दोनों के मध्य स्क्रॉल बटन रहता है .  माउस के निचे भाग में ट्रैकर बॉल ( tracker ball ) भी लगा हुआ होता है .

३. ऑप्टिकल माउस / Optical Mouse / Ledger Mouse : 

इस प्रकार के माउस में लेफ्ट और राईट बटन के साथ साथ स्क्रॉल ( scroll ) बटन भी पाया जाता है . इस माउस के निचे साइड अन्य माउस के तरफ tracker ball नहीं लगा होता है. उसके जगह पर ledger light लगा होता है. इस प्रकार के मोउसों ( mouse ) में माउस पॉइंटर को कंट्रोल करने का कार्य ledger light की मदद से किया जाता है . 

Parts OF mouse / पार्ट्स ऑफ़ माउस / माउस के भाग  : 

प्रत्येक प्रकार के माउसों में तिन हि पराकार के बटन पाए जाते है . जिनकी सहायता से हि कंप्यूटर सिस्टम को आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है ये ये पार्ट्स निम्न लिखित है . - 

१. Left Button / लेफ्ट बटन :

कंप्यूटर सिस्टम में किसी भी प्रोग्राम या appication को select अथवा open करने के लिए इस बटन का उपयोग किया जाता है . 

2. right button / राइट बटन :

कंप्यूटर सिस्टम में इस बटन का उपयोग किसी छिपी हुई मेनू की लिस्ट को शो या open करने के लिए किया जाता है . 

. scroll button/ स्क्रॉल button :

इस button का उपयोग कंप्यूटर सिस्टम में किसी किसी पेज (page ) या किसी list में items को ऊपर निचे करने के लिए किया जाता है . 

माउस पॉइंटर / mouse pointer या Curser के प्रकार : 

१.  vertical mouse पॉइंटर / वर्टिकल माउस pointer ( I )  : 

 इस प्रकार का pointer आपको विंडोज ( windows ) में देखने को मिलता है . 

2. Horizontal curser / हॉरिजॉन्टल कर्सर ( _ ) :  

इस प्रकार के कर्सर का use Dosbased programms में किया जाता है / या देखने को मिलता है . 

2. keybord / कीबोर्ड / कुंजीपटल : 

यह एक इनपुट युनिट है इसकी सहायता से हम कंप्यूटर सिस्टम में किसी भी पारकर की डाटा जैसे - अंक , अक्षर या चिन्ह को बड़ी आसानी से इनपुट करा सकते है . किबोर्ड ( keyboard ) की सहायता से किसी भी कंप्यूटर सिस्टम को बड़ी आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है . यदी कंप्यूटर सिस्टम में माउस न हो तो भी इसकी मदद से कंप्यूटर को पूर्ण रूप से चलाया जा सकता है परन्तु keyboard के बिना कंप्यूटर को चलाना बहुत मुस्किल है या कठिन है . 

टाइप्स ऑफ़ की बोर्ड /types of keyboard / कुंजीपटल के प्रकार  : 

कुंजीपटल या keyboard मुख्यतः 2 प्रकार के होते है जो की निम्न लिखित है - 

१. normal keyboard / सामान्य की बोर्ड (कुंजीपटल ) :

यह एक सामान्य प्रकार का की बोर्ड होता है जिसमे keyboard में मुख्यतः 6 भाग पाए जाते है . इसके अतिरिक्त इस प्रकार के keyboard में अन्य कोई भी button नहीं पाया जाता है . इस प्रकार के keyboard में button की संख्या 40 से लेकर 102 तक हो सकती है . 

2. Standerd keyboard / स्टैंडर्ड  किबोर्ड (कुंजीपटल ) : 

इस प्रकार के keyboard में मुख्य 6 भागों के अलावा और भी बहुत सारे बटन हो सकता है जो की विभिन्न कार्यों के संपादन या कमांड / command देने के लिए हो सकते है . इस प्रकार के keyboard में मल्टीमीडिया बटन ( multimedia button ) भी पाए जाते है . जिस की मदद से कंप्यूटर सिस्टम में गाने , संगीत या विडियो को सीधे हि चलाया जा सकता है और उनका विबिन्न प्रकार से कंट्रोल किया जा सकता है . इस कारन से इस प्रकार के keyboard एक विशेस प्रकार का keyboard होता है . 

इस प्रकार के keyboard में button की संख्या 104 से लेकर 140 तक हो सकता है . ये बटन विभिन्न प्रकार के कार्यों या कमांड / command / instruction देने के लिए उपयोग में लाये जाते है . वर्तमान समय में इसी प्रकार के keyboard का उपयोग अधिक किया जा रहा है . 

keyboard के भाग / keyboard में पाए जाने वाले buttons की जानकारी : 

keybord में निम्नलिखित प्रकार के बटन या भाग पाए जाते है - 

१. Alphabate key : Character ( A to Z )

2. Numeric Key : Numbers ( 0 to 9 ) 

3. Symbolic key : चिन्ह button 

4. Compute button : Mathematical symbol key

5. Function Button : ( F1 To F12) 

6. Arrow key :  4 Arrow key ( left , right, up , down ) 

7. Multimedia key  : ( Play , Stop, Close, Run, Open, Push etc)

3. Monitor / मॉनिटर / विडियो डिस्प्ले यूनिट /vdu : 

कंप्यूटर सिस्टम में मॉनिटर एक आउटपुट यूनिट के रूप में कार्य करता है  . इस यूनिट का उपयोग कंप्यूटर सिस्टम में विडियो या ग्राफिकल डाटा डिस्प्ले या शो करने के लिए किया जाता है . मॉनिटर को विसुअल डिस्प्ले यूनिट ( visual display unit ) या VDU भी कहा जाता है . मॉनिटर हि किसी भी टर्मिनल का प्रथम भाग या पार्ट्स होता है , जबकि keyboard या माउस टर्मिनल के दूसरा भाग होता है . 

मॉनिटर की संरचना की बात करें तो यह टेलीविजिन या टीवी / telivision की तरह हि होता है . जो की कंप्यूटर सिस्टम में आउटपुट डिस्प्ले करने के लिए कार्य किया जाता है .  VDU / या visual display unit meaning कुछ इस प्रकार होता है इसका अर्थ होता है " चित्रात्मक प्रदर्शन करने की इकाई " 

VDU / या visual display unit 2 प्रकार की होती है . जिसमे एक प्रकार की VDU अपनी परदे पर केवल एक तरह की अंत अक्षर या चिन्ह प्रदर्शित कर सकता है . जबकि दूसरा प्रकार का vdu या visual display unit चिन्हों के साथ साथ लगभग सभी प्रकार की  डाटा जैसे ग्राफ , चित्र , या विडियो भी दिखा या प्रदर्शित कर सकती है . 

आइये अब निचे हम मॉनिटर के कुछ महत्वपूर्ण गुणों के बारे में अध्ययन करते है - 

Characterstrics or monitor / मॉनिटर के महत्वपूर्ण गुण : 

मॉनिटर के कुछ महत्वपूर्ण गुणों को निचे दर्शाया गया है , इन्ही गुणों के आधार पर किसी मॉनिटर के गुणवत्ता को बताया जाता है . ये गुण / या कैरेक्टर स्टिक्स निम्न लिखित है -  

१. Resolution and pixel / रेसोल्युसन एंड पिक्सेल : 

यह मॉनिटर का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण होता है . resolution मॉनिटर स्क्रीन पर चित्र की स्पस्ट को प्रदर्शित करता है . अधिकतर डिस्प्ले डिवाइस में चित्र स्क्रीन के छोटे छोटे डॉट के रूप में होते है . जो की pixel कहलाते है . यह pixel शब्द picture element का संक्षिप्त रूप है . 

स्क्रीन पर इकाई क्षेत्रों में प्रदर्शित पिक्सलों की संख्या resolution को व्यक्त करता है . अतः डॉट से बने पिक्सेल्स / pixels की संख्या को resolution कहलाता है . स्क्रीन पर जितने अधिक pixel होंगे मॉनिटर या  कंप्यूटर स्क्रीन का resolution उतना हि अधिक होगा. 

उदाहरण के लिए यदि किसी display का resolution " 640 x 480  " है तो इसका मतलब यह होता है की स्क्रीन पर 640 dot के कॉलम एवं 480 dot के row से बना हुआ है . टेक्स्ट /text के character या अक्षर स्क्रीन पर डॉट मैट्रिक्स / dot matrix से बनते है . 

5 x 7 =  35 pixel 

7 x 12 = 84 pixel 

के रूप में एक character डिस्प्ले करने के लिए होता है . इस प्रकार स्क्रीन पर 65 character की 25 row display किया जा सकता है . 

2. Refress Rate / रेफ्रेस रेट / pixel की संख्याओ में परिवर्तन : 

कंप्यूटर सिस्टम में विभिन्न प्रकार के कार्य और  परिवर्तन स्वतः / आटोमेटिक / automaic होते रहते है , जिन्हें हमारी आँखे अनुभव नही कर सकती है . कंप्यूटर स्क्रीन पर इमेज बाए से दाये ( left to right ) ऊपर से निचे ( up to down ) बदलती रहती है . जिन्हें हम अनुभव नहीं कर सकते है . Refress rate इलेक्ट्रान गन / electron gun के रूप में व्यवस्थित रहते है . जिसको हर्टज में मापा जाता है . 

3. dot petch / डॉट पेट्च : ( pixel की दुरी ) : 

यह एक प्रकार की मापन की तकनीक है . जो की यह दर्शाता है की प्रत्येक pixel के मध्य कितना vertical अंतर या distance अथवा दुरी है . डॉट पिच का मापन मिलीमीटर में किया जाता है . यह एक एसी विशेषता है जो मॉनिटर के डिस्प्ले गुणवत्ता को स्पस्ट करता है . 

डॉट petch का रेंज / range 0.15 से 0.30 तक होती है . डॉट पिच को phospher pitch भी कहा जाता है . 

4 . Interlecing and non interlecing / इन्तेर्लेसिंग एंड नॉन इन्तेर्लेसिंग : 

interlecing : यह मॉनिटर स्क्रीन के गुणवत्ता में वृद्धि करता है . इन्तेर्लेसिंग / interlecing कहलाता है . इसमें electron gun के माध्यम से हाफ लाइन / half line या आधी लाइन को एक समय में रेफ्रेस / refress करता है . 

यह Reacter Graphics theory / रिएक्टर ग्राफिक्स के सिद्धांत पर कार्य करता है . 

non interlecing : यह interlecing की तरह हि resolution प्रदान करता है . यह मॉनिटर रैंडम स्क्रीन डिस्प्ले / Random Screen display के सिद्धांत पर कार्य करता है . इसमें एक बार में पूरी लाईन बनती है मॉनिटर स्क्रीन में . इसका use या उपयोग ग्राफ़िक्स या विडियो / Graphics और Video में किया जाता है . यह उत्तम मॉनिटर होता है .

5. Bit Mapping :  प्रारंभ में कंप्यूटर मॉनिटर केवल character addresseble होता था लेकिन graphical display device की मांग बढ़ने पर एसी device technic को लाया गया जिसमे text और ग्राफ़िक्स / text and graphics दोनों हि display हो सके यह नई technic / तकनीक बिट मैपिंग / Bit Mapping कहलाता है .  

4. Printer / प्रिंटर : 

प्रिंटर आउटपुट का एक साधन है जो कंप्यूटर से प्राप्त जानकारियों को कागज पर या paper पर प्रिंट करता है . paper पर प्राप्त की गई इमेज या आउटपुट को हार्ड कॉपी कहा जाता है . जबकि मॉनिटर स्क्रीन पर रहने वाले इमेज को सॉफ्ट कॉपी / soft copy कहा जाता है . 

अतः किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में उपस्थित soft copy को प्रिंटर की मदद से हार्ड copy के रूप में किसी paper या कागज पर आउटपुट निकला / प्राप्त किया जाता है . 

कंप्यूटर में आउटपुट बहुत तेजी से मिलता है परन्तु प्रिंटर उतनी तेजी से कार्य नही करता है . इस लिए यह जरुरी है की प्रिंटर में जानकारिय एकत्रित किया जाए . या स्टोर किया जाए . इसलिये प्रिंटर में एक मेमोरी होती है जिसमे जानकारियां भेजी जाती है. व् समय आने पर इससे जानकारियां प्राप्त किया जा सकता है . 

5. यूपीएस / UPS : 

इसका पुरा नाम untruppted Power Supply होता है . यह कंप्यूटर सिस्टम में पॉवर के मध्ध्यम से जुदा हुआ होता है . यह स्वतः चार्जिंग / charging होता रहता है . 

जब इलेक्ट्रिसिटी / electricity या पॉवर ऑफ़ हो जाता है तब तो कंप्यूटर को यह बंद होने से रोकता है / या shutdown होने से रोकता है . जब तक की हमारा कार्य पूरा न हो जाए या line  / electricity पुनः न कनेक्ट हो जाए या हम स्वेच्छा से बंद ना कर दें . जिससे कंप्यूटर सिस्टम / computer system को कोई हानि न हो . साथ हि इससे कंप्यूटर की सुरक्षा हो जाती है . 

6. CPU / सीपीयू / Central Processing unit : 

CPU का पुरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट / CENtral PROCESSING UNIT होता है . इसे short में CPU कहा जाता है. cpu को केंद्रीय संसाधन इकाई के नाम से भी जाना जाता है . यह कंप्यूटर सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता होता है . पुरे कंप्यूटर सिस्टम में inpute  डाटा या सूचनाओ का प्रोसेसिंग / processing Cpu के माध्यम से हि होता है जिससे prosessing के पश्चात् output प्राप्त होता है . इसी को " I - P - O cycle "  के नाम से भी जाना जाता है . 

बाहर से देखने पर CPU में मुख्यतः निम्नलिखित चीजे या INSTURMENTS दिखाई देते है -  

१. CD/ DVD DRIVER / WRITER 

2. BIG/ SMALL  FLOPPY DISK

3. HARD DISK

4. ON - OFF BUTTON 

5. INDICATOR LIGHT. 

6. RESET AND POWER OFF BUTTONS

7. USB PORT. 

8. RJ 45 PORT ( LAN CONNECTION करने के लिए PORT )

वहीं यदि CPU के INTERNAL पार्ट्स की बात करे तो CPU में मुख्यतः निम्न लिखित पार्ट्स या INSTRUMENTS लागे होते है जो की आपस में मिलकर एक पूर्ण cpu बनाते है . -

1. MOTHERBOARD 

2. HARD DISK , 

3. SMPS ( SWITCH MODE POWER SUPPLY) 

4. RAM ( RANDOM ACCESS MEMORY ) 

5. PROCESSOR ( DUAL CORE, PENTIUM, I2 , I3 , I4 ETC) 

6. GRAPHICS CARD ETC. 

7. SPEAKER ( स्पीकर ) / साउंड बॉक्स ( sOUND bOX ) : 

यह एक एसा उपकरण है जिससे कंप्यूटर सिस्टम आवाज/ या साउंड ( SOUND ) के रूप में output दे सकता है . प्रायः यह एक जोड़े के रूप में होता है . इसका प्रयोग प्रायः multimedia कंप्यूटर के साथ किया जाता है . 

स्पीकर / SPEAKER कि सहायता से हम संगीत गाने इत्यादि सुन सकते है .  

स्पीकर / SPEAKER का उपयोग करने के लिए कंप्यूटर सिस्टम में साउंड कार्ड / sOUND cARD का होना बहुत जरुरी होता है . यह प्रायः सभी कंप्यूटर सिस्टम / computer system में MOTHER bOARD के साथ INBILT या जुडा हुआ आता है . सभी SOUND CARD MIDI या ( MUSICAL INSTUMENTAL DEVICE INTERCHANGE ) को सपोर्ट करते है . 

तो दोस्तों ! आपको हमारा आज का TOPIC कैसे लगा कृपया हमे comment करके जरुर बताए . यादी आपको कहीं पर किसी POINT को समझने में दिक्कत आ रहा होगा तो आप हमसे सीधे कमेंट्स के माध्यम से पूछ सकते है . साथ हि यदि आपके मन में किसी भी प्रकार की सुझाव या सवाल हो तो आप हमे comment या ईमेल के माध्यम से हमे भेज सकते है . 

यहाँ पर मै आपसे एक और REQUEST करना चाहता हु की आप इस post को ज्यादा से ज्यादा लोगो को share करें ताकि उन्हें भी इस post में निहित ज्ञान का फायदा प्राप्त हो सके . आप भी पढों और सामने वालों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित कीजिये . क्योंकि शिक्षा पर सबका अधिकार होना चाहिए . 

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SURAJ SINGH JOSHI 
      (सूरज सिंह जोशी )
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AUTHOR : MR. SURAJ SINGH JOSHI

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